मनवा रे, राम भजन जग सार... / रचना : ब्रह्मानंद / गायन : प्रतीक चैतन्य
https://youtu.be/Q0rge4ajifI?si=HgMQPNPzoWtGh61d
मनवा रे राम भजन जग सार ॥
बड़े बड़े प्रिथवी के राजा छोड़ चले दरबार ॥
कंचन जैसी सुन्दर काया पल में होवत छार ॥
चार दिवस जग बीच निवासा बिरथा सकल पसार ॥
ब्रम्हानंद करो हरि सुमिरन उतरो भवजल पार ॥
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