शुक्रवार, 5 अप्रैल 2019

पायल में गीत हैं छम-छम के... क़तील शिफ़ाई / इक़बाल बानो

पायल में गीत हैं छम-छम के...  
-क़तील शिफ़ाई


तू लाख चले री गोरी थम-थम के
पायल में गीत हैं छम-छम के
तू पिया से मिल कर आई है
बस आज से नींद पराई है
देखेगी सपने साजन के
तू लाखे चले ...
ये जीवन भर का रोग सखी
तुझे पगली कहेंगे लोग सखी
याद आयेंगे वादे बालम के
तू लाख चले ...
मैं ने भी किया था प्यार कभी
आई थी यही झनकार कभी
अब गीत मैं गाती हूँ ग़म के

तू लाख चले ...


क़तील शिफ़ाई का जन्म 1919 में ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान) में 
मुहम्मद औरंगजेब के रूप में हुआ था। 
उन्होंने 1938 में 'क़तील शिफ़ाई' को अपने कलम-नाम के रूप में अपनाया, 
जिसके तहत उन्हें उर्दू शायरी की दुनिया में जाना जाता था। 
"क़तील" उनका "तख़ल्लुस" था और "शिफ़ाई" उनके उस्ताद (शिक्षक) 
हकीम मोहम्मद याहया शिफ़ा ख़ानपुरी के सम्मान में था, जिसे वे अपना 
गुरु मानते थे। 
11 जुलाई 2001 को पाकिस्तान के लाहौर में क़तील शिफाई की मृत्यु हो गई। 
उनकी कविता के 20 से अधिक संग्रह और पाकिस्तानी और भारतीय फिल्मों के 
लिए 2,500 से अधिक फिल्मी गीत प्रकाशित हुए। 
उन्होंने 201 पाकिस्तानी और भारतीय फिल्मों के लिए गीत लिखे। 
उनकी प्रतिभा सीमाओं को पार कर गई। उनकी कविता का हिंदी, 
गुजराती, अंग्रेजी, रूसी और चीनी सहित कई भाषाओं में अनुवाद 
किया गया है। उनके यादगार गीत आज भी गुनगुनाये जाते हैं। 

इक़बाल बानो का जन्म १९३५ में दिल्ली में हुआ था  
उन्हें उस ज़माने के मशहूर उस्ताद ,चाँद खान से 
दिल्ली घराने में संगीत की तालीम मिली। 
१९५२ में उनका परिवार पाकिस्तान चला गया।
उन्हें पाकिस्तान का सर्वोच्च संगीत सम्मान १९७४ में मिला। 
उनकी मृत्यु लाहौर में २१ अप्रैल, २००९ को हुई। 
वो इस उपमहाद्वीप की अत्यंत लोकप्रिय ग़ज़ल गायिका थीं। 

https://youtu.be/2S5jYH2Maw8

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