मंगलवार, 12 सितंबर 2023

ताकिहे तमकि ताकी ओर को.../ स्वर : जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज

https://youtu.be/varmbwCzG0g?si=mv0vNddIjLE8aMgk

विनयपत्रिका पद - "ताकिहै तमकि ताकी ओर को"
स्वर- जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज ताकिहै तमकि ताकी ओर को। जाको है सब भाँति भरोसो कपि केसरीकिसोर को।। जन रंजन अरि गन गंजन मुख भंजन खल बरजोर को। बेद पुरान प्रगट पुरुषारथ सकल सुभट सिरमोर को॥ उथपे थपन थपे उथपन पन बिबुधबृंद बँदिछोर को। जलधि लाँघि दहि लंक प्रबल बल दलन निसाचर घोर को॥ जाको बालबिनोद समुझि जिय डरत दिवाकर भोर को। जाकी चिबुक चोट चूरन किय रद मद कुलिस कठोर को॥ लोकपाल अनुकूल बिलोकिवो चहत बिलोचन कोर को। सदा अभय जय मुद मंगलमय जो सेवक रनरोर को॥ भगत कामतरु नाम राम परिपूरन चंद चकोर को। तुलसी फल चारो करतल जस गावत गईबहोर को ॥

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