शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025

न गँवाओ नावक-ए-नीम-कश.../ शायर : फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ / गायन : इक़बाल बानो

https://youtu.be/d0f-HS93lbs  


न गँवाओ नावक-ए-नीम-कश दिल-ए-रेज़ा-रेज़ा गँवा दिया
जो बचे हैं संग समेट लो तन-ए-दाग़-दाग़ लुटा दिया

मिरे चारा-गर को नवेद हो सफ़-ए-दुश्मनाँ को ख़बर करो
जो वो क़र्ज़ रखते थे जान पर वो हिसाब आज चुका दिया

जो रुके तो कोह-ए-गिराँ थे हम जो चले तो जाँ से गुज़र गए
रह-ए-यार हम ने क़दम क़दम तुझे यादगार बना दिया

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