रविवार, 1 अगस्त 2010

मित्रता दिवस ०१ अगस्त २०१०


A Beautiful Friendship...A Beautiful Friendship...

दोस्त !

- अरुण मिश्र

"
भले ही दुनिया के इस भीड़ भरे मेले में,
हमारी ज़िन्दगी की हों ज़ुदा-ज़ुदा राहें।
हमेशा इन्तज़ार में तेरे मगर दोस्त,
रहेंगी आंखें बिछी और खुली हुई बाहें॥"




2 टिप्‍पणियां:

  1. अति सुन्दर......... अभिव्यक्ति ।
    सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी

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  2. "भले ही दुनिया के इस भीड़ भरे मेले में,
    हमारी ज़िन्दगी की हों ज़ुदा-ज़ुदा राहें।
    हमेशा इन्तज़ार में तेरे मगर ऐ दोस्त,
    रहेंगी आंखें बिछी और खुली हुई बाहें॥"

    Great thought !

    .

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