-अरुण मिश्र.
(टिप्पणी : इस कविता का नीचे उद्धृत अंग्रेजी अनुवाद, वर्ष २००४ में, अंग्रेजी के समर्थ एवं बुज़ुर्ग कवि श्री ए.के. दास, जो लगभग एक दशक पूर्व आई.ए.एस.से सेवानिवृत्त हो चुके हैं,द्वारा किया गया है| इस अनुग्रह के लिए मैं उनका आभारी हूँ | -अरुण मिश्र.)
Wherever I travel,
what do I myself gather?
Dust, straw,
scent, bad smell, any thing;
cold, warmth, dampness every thing;
detached, I pick them up.
And I move on
ahead, boundless
Translated from Hindi
-By Ajit Kumar Das, I.A.S.(Rtd.)