शुक्रवार, 14 सितंबर 2018

हिंदी-दिवस पर विशेष.......

कुछ तो हिंदी में बोलिए साहिब...


-अरुण मिश्र

कुछ तो हिंदी में बोलिए साहिब।
मन की गांठों को खोलिए साहिब।।

पाँच-तारे से निकल कर तो कभी।
गाँव - गलियों में डोलिए साहिब।।

फ़र्ज़ कुछ आप का भी बनता है।
अपना दिल तो टटोलिये साहिब।।

आप ने है बहुत तरक्की की।
आप गैरों के हो लिए साहिब।।

आप ने भी मनाया हिंदी-दिवस।
सब के संग थोड़ा रो लिए साहिब।।
                          *
(पूर्वप्रकाशित)

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