श्री मोक्षगुण्डम विश्वेशरैया को कोटिशः नमन ...
- अरुण मिश्र
अभियन्त्रण के हे ! महा-प्राण ।
संरचना के हे ! अग्रदूत ।
निर्माण-कला-कौशल- प्रवीण ;
इस मिटटी के सच्चे सपूत !!
अभियंताओं के शीर्ष-पुरुष !
भारत -भुवि के गौरव ललाम ।
है कीर्ति तुम्हारी, अजर-अमर ;
यश-काया को शत-शत प्रणाम।।
भारत -भुवि के गौरव ललाम ।
है कीर्ति तुम्हारी, अजर-अमर ;
यश-काया को शत-शत प्रणाम।।
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(पूर्वप्रकाशित)
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