https://youtu.be/o2uV-gmqS-c
आदि देव नमस्तुभ्यम प्रसीद मम भास्करं
दिवाकर नमस्तुभ्यम प्रभाकर नमोस्तुते
जागिये रघुनाथ कुंवर पंछी बन बोले -३
चंद किरन सीतल भई चकवी पिय मिलन गई -2
त्रिबिध मंद चलत पवन पल्लव द्रुम डोले
जागिये रघुनाथ कुंवर पंछी बन बोले - 2
प्रात भानु प्रगट भयो -2 रजनी को तिमिर गयो -2
भृङ्ग करत गुंज गान कमलन दल खोले
जागिये रघुनाथ कुंवर पंछी बन बोले - 2
ब्रह्मादिक धरत ध्यान -2 सुर नर मुनि करत गान - २
जागनकी बेर भई नयन पलक खोले
जागिये रघुनाथ कुंवर पंछी बन बोले - 2
तुलसीदास अति अनंद निरखि के मुखारविंद
दीननको देत दान भूषण बहु मोले
जागिये रघुनाथ कुंवर पंछी बन बोले
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जागिये रघुनाथ कुँवर : तुलसी दास : राजन एवं साजन मिश्र
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