https://youtu.be/Tkl73ekcpJE
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको ... / साहिर लुधियानवी / सुधा मल्होत्रा
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है
मेरे दिल की मेरे जज़बात की कीमत क्या है
उलझे-उलझे से ख्यालात की कीमत क्या है
मैंने क्यूं प्यार किया तुमने न क्यूं प्यार किया
इन परेशान सवालात कि कीमत क्या है
तुम जो ये भी न बताओ तो ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको
ज़िन्दगी सिर्फ़ मुहब्बत नहीं कुछ और भी है
ज़ुल्फ़-ओ-रुख़सार की जन्नत नहीं कुछ और भी है
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में
इश्क़ ही एक हक़ीकत नहीं कुछ और भी है
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको
मैंने तुमसे ही नहीं सबसे मुहब्बत की है
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको
तुमको दुनिया के ग़म-ओ-दर्द से फ़ुरसत ना सही
सबसे उलफ़त सही मुझसे ही मुहब्बत ना सही
मैं तुम्हारी हूँ यही मेरे लिये क्या कम है
तुम मेरे होके रहो ये मेरी क़िस्मत ना सही
और भी दिल को जलाओ ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको
Sahir Ludhianvi :
Abdul Hayee (8 March 1921 – 25 October 1980), popularly known by
his pen name Sahir Ludhianvi, was an Indian poet and film lyricist who
wrote in the Hindi and Urdu languages. His work influenced Indian cinema,
in particular Bollywood film.
Sahir won a Filmfare Award for Best Lyricist for
Taj Mahal (1963).
He won a second Filmfare Award for Best Lyricist for his work on
Kabhie Kabhie (1976).
He was awarded the Padma Shri in 1971.
On 8 March 2013, the ninety-second anniversary of Sahir's birth,
a commemorative stamp was issued in his honour.
Sudha Malhotra was born on November 30, 1936 in Kurukshetra.
Sudha spent her childhood days in Lahore, Bhopal and Firozpur.
She completed her graduation in music from Agra University.
Sudha Malhotra gained her grooming in Indian classical music,
under the guidance of Ustad Abdul Rehman Khan and
Pandit Laxman Prasad Jaipurwale.
She began her musical career at a tender age of five.
Her talent was discovered by the then famous and
revolutionary music director Ghulam Haider, at a
programme in Firozepur in the aid of Red Cross.
With her enrapturing beauty and melodious voice she
chiselled out her career to perfection as a child artist in
All India Radio, Lahore. Later, Sudha gained new heights
by joining film singing at the age of eleven.
Her bhajan in Kala Pani 'Na Main Dhan Chahun..'
became immensely popular. She sang the famous
qawwali 'Ishq Ishq..' in the film Barsat Ki Raat.
This song was recorded for a period of twenty-nine
continuous hours. She was awarded the Kala Bhushan
award by Gyani Zail Singh, the then president of India.
She was awarded the Padma Shri by Government of India in 2013
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको ... / साहिर लुधियानवी / सुधा मल्होत्रा
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है
मेरे दिल की मेरे जज़बात की कीमत क्या है
उलझे-उलझे से ख्यालात की कीमत क्या है
मैंने क्यूं प्यार किया तुमने न क्यूं प्यार किया
इन परेशान सवालात कि कीमत क्या है
तुम जो ये भी न बताओ तो ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको
ज़िन्दगी सिर्फ़ मुहब्बत नहीं कुछ और भी है
ज़ुल्फ़-ओ-रुख़सार की जन्नत नहीं कुछ और भी है
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में
इश्क़ ही एक हक़ीकत नहीं कुछ और भी है
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको
मैंने तुमसे ही नहीं सबसे मुहब्बत की है
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको
तुमको दुनिया के ग़म-ओ-दर्द से फ़ुरसत ना सही
सबसे उलफ़त सही मुझसे ही मुहब्बत ना सही
मैं तुम्हारी हूँ यही मेरे लिये क्या कम है
तुम मेरे होके रहो ये मेरी क़िस्मत ना सही
और भी दिल को जलाओ ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको
Sahir Ludhianvi :
Abdul Hayee (8 March 1921 – 25 October 1980), popularly known by
his pen name Sahir Ludhianvi, was an Indian poet and film lyricist who
wrote in the Hindi and Urdu languages. His work influenced Indian cinema,
in particular Bollywood film.
Sahir won a Filmfare Award for Best Lyricist for
Taj Mahal (1963).
He won a second Filmfare Award for Best Lyricist for his work on
Kabhie Kabhie (1976).
He was awarded the Padma Shri in 1971.
On 8 March 2013, the ninety-second anniversary of Sahir's birth,
a commemorative stamp was issued in his honour.
Sudha spent her childhood days in Lahore, Bhopal and Firozpur.
She completed her graduation in music from Agra University.
Sudha Malhotra gained her grooming in Indian classical music,
under the guidance of Ustad Abdul Rehman Khan and
Pandit Laxman Prasad Jaipurwale.
She began her musical career at a tender age of five.
Her talent was discovered by the then famous and
revolutionary music director Ghulam Haider, at a
programme in Firozepur in the aid of Red Cross.
With her enrapturing beauty and melodious voice she
chiselled out her career to perfection as a child artist in
All India Radio, Lahore. Later, Sudha gained new heights
by joining film singing at the age of eleven.
Her bhajan in Kala Pani 'Na Main Dhan Chahun..'
became immensely popular. She sang the famous
qawwali 'Ishq Ishq..' in the film Barsat Ki Raat.
This song was recorded for a period of twenty-nine
continuous hours. She was awarded the Kala Bhushan
award by Gyani Zail Singh, the then president of India.
She was awarded the Padma Shri by Government of India in 2013
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