शुक्रवार, 10 दिसंबर 2021

आता कोठे धावे मन.../ मराठी अभंग / संत कवि तुकाराम जी महाराज / स्वर रंजनी एवं गायत्री

 https://youtu.be/o9EnI9Qpsd4 

आता कोठे धावे मन...
मराठी अभंग  
संत कवि तुकाराम जी महाराज
स्वर : रंजनी एवं गायत्री
राग : भीम पलाश 
Abhang or abhanga (Marathi: अभंग) is a form of devotional
poetry sung in praise of the Hindu God Vitthal, also known as
Vithoba...the presiding deity of Pandharpur, regarded as a form
of Krishna. The word "abhang" comes from a for "non-" and
bhang for "ending" or "interrupting", in other words, a flawless,
continuous process, in this case referring to a poem.

संत कवि तुकाराम जी महाराज पुणे के देहू कस्बे के छोटे-से काराबोरी परिवार में 
17वीं सदी में जन्मे थे। उन्होंने ही महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन की नींव डाली। 
वे भगवान विट्ठल, यानी विष्णु के परम भक्त थे। उन्होंने स्थानीय भाषा में भगवान 
विट्ठल को समर्पित कई भक्ति गीतों की रचना की। 

आता कोठे धावे मन ।
तुझे चरण देखिलिया ।।१।।

भाग गेला सीण गेला ।
अवघा जाला आनंद ।।२।।

प्रेमरसे  बैसली मिठी ।
आवडी लाठी मुखाशी ।।३।।

तुका म्हणे आम्हा जोगे ।
विठ्ठला घोगें खरे माप ।।४।।

English Translation

"How can my mind wander elsewhere, now that I have seen thy feet! The suffering & fatigues of life are no more, I feel eternal bliss. With loving devotion I have embraced Your name. Tuka says the one we chant, Vitthal is the true measure of greatness."

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