गुरुवार, 16 दिसंबर 2021

जय जय जग जननि देवि... / विनय पत्रिका / गोस्वामी तुलसी दास / पण्डित छन्नू लाल मिश्रा

https://youtu.be/D0Zl_3yol44  

जय जय जग जननि देवि / गोस्वामी तुलसी दास / विनय पत्रिका 

जय जय जगजननि देवि सुर-नर-मुनि-असुर-सेवि, 
भुक्ति-मुक्ति-दायिनि, भय-हरणि कालिका। 
मंगल-मुद-सिद्धि-सदनि, पर्वशर्वरीश-वदनि, 
ताप-तिमिर-तरुण-तरणि किरणमालिका ॥१॥
 
वर्मचर्म कर कृपाण, शूल-शेल-धनुषबाण, 
धरणि, दलनि दानव-दल, रण-करालिका। 
पूतना-पिशाच-प्रेत  डाकिनि-शाकिनि-समेत , 
भूत-ग्रह-बेताल  खग-मृगालि-जालिका ॥२॥
 
जय महेश-भामिनी, अनेक-रूप-नामिनी, 
समस्त-लोक-स्वामिनी, हिमशैल-बालिका। 
रघुपति-पद परम प्रेम, तुलसी यह अचल नेम , 
देहु ह्वै प्रसन्न पाहि प्रणत-पालिका ॥३॥

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