https://youtu.be/ysPBb3Ee2lQ
दशरथ क खिलल अंगनवां हो रामा,
अइलें ललनवा।।
अइलें ललनवा।।
कोसिला के राम मिललें ललनवां,
सुमितरा के गोदिया लखन बलवनवा।
झूले लगलें सोने के पलंगवा हो रामा,
सुमितरा के गोदिया लखन बलवनवा।
झूले लगलें सोने के पलंगवा हो रामा,
अइलें ललनवां।।
भरत भुआल अइलें कैकयी के अंचरवा,
एक कोखिया ते भरत शत्रुघन छोकरवा,
गुलज़ार भइलें अंगनवा हो रामा
अइलें ललनवा।।
गूंजेले भवनवा, गूंज गइल बखरिया,
अवध में गवाये लागल, झूमर औ कजरिया,
चैता से गूंजेला अंगनवां, हो रामा,
अइलें ललनवा।।
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