https://youtu.be/10v4DFU7UN4
जाओ जाओ कन्हैया
खेलूंगी नहीं होरी।
जाओ जाओ कन्हैया
खेलूंगी नहीं होरी।।
आज पकड़ी कलइया,
करत बरजोरी।
खेलूंगी नहीं होरी।
जाओ जाओ कन्हैया
खेलूंगी नहीं होरी।।
आज पकड़ी कलइया,
करत बरजोरी।
जाओ जाओ कन्हैया
खेलूंगी नहीं होरी।।
खेलूंगी नहीं होरी।।
चंचल चितवन, बाँके नैना।
काहे बोलत अट-पट बैना।
सावँल श्याम, सुघर राधा गोरी।
जाओ जाओ कन्हैया
खेलूंगी नहीं होरी।।
खेलूंगी नहीं होरी।।
वंशी बजइया, रास रचइया।
मनिहारिन के वेष बनइया।
आज पकड़ी गई तोरी-
चोरी, चोरी, चोरी।
जाओ जाओ कन्हैया
खेलूंगी नहीं होरी।।
खेलूंगी नहीं होरी।।
धानी चुनर मोरी, लहँगा हज़ारी।
बरजूँ , न माने , मारत पिचकारी।
ललिता, विशाखा बिरज की छोरी।
जाओ जाओ कन्हैया
खेलूंगी नहीं होरी।।
खेलूंगी नहीं होरी।।
आज पकड़ी गई तोरी-
चोरी, चोरी, चोरी।
जाओ जाओ कन्हैया
खेलूंगी नहीं होरी।।
खेलूंगी नहीं होरी।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें