मंगलवार, 28 जून 2022

हरिमर्कट मर्कट मन्त्रमिदं.../ हनुमान ध्यान /

https://youtu.be/ZSqk-3ZMwa8  

ॐ हरिमर्कट मर्कट मन्त्रमिदं 
परिलिख्यति लिख्यति वामतले।
यदि नश्यति नश्यति शत्रुकुलं 
यदि मुञ्चति मुञ्चति वामलता॥
ॐ हरिमर्कटाय स्वाहा।

अर्थ : महाप्राण हनुमानजी के बाँये पैर के तलवे के नीचे ‘ॐ हरिमर्कटाय स्वाहा’ 
यह जो लिखेगा, उसके केवल शत्रु का ही नहीं बल्कि शत्रुकुल का नाश हो जायेगा। 
वाम यह शब्द यहाँ पर वाममार्ग का यानी कुमार्ग का प्रतिनिधित्व करता है। वाममार्ग 
पर जाने की वृत्ति, खिंचाव यानी वामलता। (जैसे कोमल-कोमलता, वैसे वामल-वामलता।) 
इस वामलता को यानी दुरितता को, तिमिरप्रवृत्ति को हनुमानजी समूल नष्ट कर देते हैं। 

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