नवांकुर...
-अरुण मिश्र
-अरुण मिश्र
कुशाग्र मिश्र |
यह नवांकुर कुक्षि से,
रुचिरा ऋचा के जो उगा है |
मिश्र -कुल-वंशावली-मणि-
माल, नव-कौस्तुभ लगा है ||
प्रज्ज्वलित नव - दीप सा,
प्रज्ज्वलित नव - दीप सा,
जो आज घर की देहरी पर |
क्षितिज पर कुल - व्योम के,
चमका नया नक्षत्र भास्वर ||
लहलहाई, वंश की फिर-
बेल, फूटी नई कोंपल|
दूध से आँचल भरा; कुल -
तरु, फला है पूत का फल||
पुष्प जो अभिनव खिला,
परिवार-बगिया में विहंस कर |
गोद दादी के, पितामह के,
ह्रदय में , मोद दे भर ||
हो 'कुशाग्र', कुशाग्र-मेधायुत,
अपरिमित बुद्धि - बल हो|
मंगलम, मधुरं, शुभम, प्रिय,
प्रोज्ज्वल, प्रांजल, प्रबल हो||
हूँ| -अरुण मिश्र
यह कविता सुनने के लिए दिए गए ऑडियो क्लिप का
लहलहाई, वंश की फिर-
बेल, फूटी नई कोंपल|
दूध से आँचल भरा; कुल -
तरु, फला है पूत का फल||
पुष्प जो अभिनव खिला,
परिवार-बगिया में विहंस कर |
गोद दादी के, पितामह के,
ह्रदय में , मोद दे भर ||
हो 'कुशाग्र', कुशाग्र-मेधायुत,
अपरिमित बुद्धि - बल हो|
मंगलम, मधुरं, शुभम, प्रिय,
प्रोज्ज्वल, प्रांजल, प्रबल हो||
टिप्पणी : अपने पौत्र चिरंजीव 'कुशाग्र' के जन्म पर, गत वर्ष लिखी गई यह कविता, उसके प्रथम वर्ष-गांठ
पर दुनिया के सभी दादाओं की ओर से दुनिया के सभी पोतों के लिए ब्लागार्पित/लोकार्पित करता हूँ| -अरुण मिश्र
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बहुत अच्छा लिखा है...कुशाग्र को लम्बी उम्र और सफल जीवन मिले
जवाब देंहटाएंhttp://veenakesur.blogspot.com/
शानदार विषय-वस्तु जानदार प्रस्तुति.....बधाई।
जवाब देंहटाएंसद्भावी--डॉ० डंडा लखनवी
बालक कुशाग्र आयुष्मान् हो, यशस्वी हो, तपस्वी हो।
जवाब देंहटाएंउसके जन्मदिन पर मेरी हार्दिक मंगलकामनाएं स्वीकारें।
सद्भावी--डॉ० डंडा लखनवी
सुश्री वीणा जी एवं डॉ. डंडा लखनवी जी, बालक कुशाग्र के प्रति आप सब की शुभकामनाओं हेतु आभारी हूँ |
जवाब देंहटाएं- अरुण मिश्र.