कवित्त
-अरुण मिश्र
झूम उठ्यो सगरो ब्रज मंडल,
होरी कै धूम - धमाल भयो है।
कारे-कन्हैया पे दूजो है रंग
चढ़्यो, यहु खूब कमाल भयो है।
राधा के रंग में स्याम रंगे,
अरु राधेहु कै अस हाल भयो है।
कान्हा के हाथ लगे न अबै,
तबहूँ कस गाल गुलाल भयो है।।
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मेरे ब्लाग पर आपकी मुल्यवान टिप्पणियों के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंआपका विशेष ध्यानाकर्षण हेतु.....
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देश को नेता लोग करते हैं प्यार बहुत?
अथवा वे वाक़ई, हैं रंगे सियार बहुत?
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होली मुबारक़ हो। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
आप को होली की हार्दिक शुभकामनाएं । ठाकुरजी श्रीराधामुकुंदबिहारी आप सभी के जीवन में अपनी कृपा का रंग हमेशा बरसाते रहें।
जवाब देंहटाएंप्रिय डॉ.डंडा लखनवी जी एवं प्रिय अमित जी,आप सब को बहुत-बहुत धन्यवाद|
जवाब देंहटाएं- अरुण मिश्र.