इस नये साल में...
-अरुण मिश्र
इस नये साल में, ऐसा कमाल हो जाये।
-अरुण मिश्र
इस नये साल में, ऐसा कमाल हो जाये।
हमारे हाल सा, उनका भी हाल हो जाये।।
हम को हर हाल में, उनसे बना के रखना है।
वो रूठ जाएँ तो, जीना मुहाल हो जाये।।
एक मजनूं ही क्यूँ, मारा फिरे जंगल-जंगल?
कभी तो लैला भी, शोरीदा-हाल हो जाये।।
हमारी रोज़ की चख़-चख़ पे, ऐ हँसने वालों।
तुम्हारे घर में भी, अब के धमाल हो जाये।।
साल भर साले नया साल, दुश्मनों को मेरे।
दोस्त ख़ुशहाल रहें, दिल निहाल हो जाये।।
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बेहतरीन कृति ����
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