शनिवार, 10 दिसंबर 2022

मैनू तेरा शबाब लै बैठा.../ रचना : शिव कुमार बटालवी / गायन : असा सिंह मस्ताना

 https://youtu.be/D-v4I5ZGXL0

शिव कुमार बटालवी (1936 - 1973) पंजाबी भाषा के प्रसिद्ध कवि, लेखक और 
नाटककार थे। वह अपनी रोमांटिक कविताओं में विशेषकर विरह, करुणा और 
प्रेम की पीड़ा की अभिव्यक्ति के लिए जाने जाते हैं। इसी कारण उन्हें "विरहा 
दा सुल्तान" भी कहा जाता था ।
1967 में साहित्य अकादमी (भारत की राष्ट्रीय साहित्य अकादमी) द्वारा दिए 
गए साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाले वे सबसे काम उम्र के साहित्यकार हैं। 
मात्र ३६ वर्ष के अल्प जीवन में उन्होंने अपने समकालीन पंजाबी साहित्यकारों में 
अपना विशिष्ट स्थान बना लिया था। 

Asa Singh Mastana (1927-1999) was a Punjabi musician and singer best 
known for lending his voice to the hit Bollywood film Heer, and singing jugni 
and Heer-genre of folk songs, which recount the tales of Heer Ranjha by poet 
Waris Shah.

मैंनू तेरा शबाब लै बैठा...

मैंनू तेरा शबाब लै बैठा,
रंग गोरा गुलाब लै बैठा।

किन्नी बीती ते किन्नी बाकी ए
मैंनू एहो हिसाब लै बैठा

चंगा हुंदा सवाल ना करदा,
मैंनू तेरा जवाब लै बैठा

दिल दा डर सी किते न लै बैठे
लै ही बैठा जनाब लै बैठा

मैंनू जद वी तूसी तो याद आये
दिन दिहाड़े शराब लै बैठा 

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