https://youtu.be/FyQDsM7D_HU
कोई दोस्त है न रक़ीब है...
कोई दोस्त है न रक़ीब है
तेरा शहर कितना अजीब है
(रक़ीब = प्रेमिका का दूसरा प्रेमी, प्रेमक्षेत्र का प्रतिद्वंदी)
वो जो इश्क़ था वो जुनून था
ये जो हिज्र है ये नसीब है
(हिज्र = बिछोह, जुदाई)
यहाँ किस का चेहरा पढ़ा करूँ
यहाँ कौन इतना क़रीब है
मैं किसे कहूँ मेरे साथ चल
यहाँ सब के सर पे सलीब है
(सलीब = सूली)
तेरा शहर कितना अजीब है
(रक़ीब = प्रेमिका का दूसरा प्रेमी, प्रेमक्षेत्र का प्रतिद्वंदी)
वो जो इश्क़ था वो जुनून था
ये जो हिज्र है ये नसीब है
(हिज्र = बिछोह, जुदाई)
यहाँ किस का चेहरा पढ़ा करूँ
यहाँ कौन इतना क़रीब है
मैं किसे कहूँ मेरे साथ चल
यहाँ सब के सर पे सलीब है
(सलीब = सूली)
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