https://youtu.be/nWAbcHpR05I
बसंत पंचमी पर हमारी फसल गेहूँ जौ चना आदि तैयार हो जाती है।
इसलिए इसकी खुशी मे सभी भारतीय बसंत पंचमी का त्योहार
मनाते हैं। इस दिन लोग पीले कपड़े पहनते है और पीले फूलो से माँ
सरस्वती की पुजा अर्चना करते हैं। ऋतुराज बसंत की छटा निहारकर
जड़ चेतन सभी मे नव जीवन का संचार होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से
भी यह ऋतु बड़ी ही उपयुक्त है। बसंत ऋतु ऋतुओं का राजा कहलाया
जाता है। इसमे प्रकृति का सौन्दर्य सभी ऋतुओं से अधिक होता हैं |
इसकी सुंदरता देख कर मनुष्य भी झूम उठता है। यह दिन विद्यार्थियो
के लिए भी विशेष महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन सभी विद्यालयों
में माँ सरस्वती की अर्चना की जाती है। इस तरह बसंत पंचमी का
त्योहार हर्ष उल्लास के साथ पूर्ण होता है।
ऋतु वसंत की आई.../ टी.वी. शो देवों के देव महादेव से
धरती अम्बर झूम रहे हैं,
चहुँ दिशि खुशियां छाई।
ऋतु वसंत की आई ।।
वृक्ष लता ने हैं पहने
सतरंगी फूलों के गहने
चारों दिशा सुवासित करती
पवन वसंती लगी बहने
बगिया में अलियों की गुंजन
सुन कलियां मुस्कायीं।
ऋतु वसंत की आई ।।
रुत आ गयी रे, रुत छा गयी रे.../ फिल्म अर्थ १९४७ से
रुत आ गयी रे
रुत छा गयी रे
पीली-पीली सरसों फूले
पीले-पीले पत्ते झूमें
पीहू-पीहू पपीहा बोले
चल बाग़ में
धमक-धमक ढोलक बाजे
छनक-छनक पायल छनके
खनक-खनक कंगना बोले
चल बाग़ में
चुनरी जो तेरी उड़ती है
उड़ जाने दे
बिंदिया जो तेरी गिरती है
गिर जाने दे
रुत आ गयी रे
रुत छा गयी रे
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