https://youtu.be/T2V7d9NmKWQ?si=HOMbhm7ufxjCw9uX
जोबन धन पावना दिन चारा जी...
दोहा :
ने सोया चादर तान,
एक दिन जम ले जावसी,
पकड तुम्हारे कान।।
https://youtu.be/T2V7d9NmKWQ?si=HOMbhm7ufxjCw9uX
जोबन धन पावना दिन चारा जी...
दोहा :
https://youtu.be/zEOB6aYSDVU
https://youtu.be/E28XE6zIRpw?si=56oTaASAF0-Kus1b
https://youtu.be/TY7SPqJ37do
https://youtu.be/8pzPBybORzE
https://youtu.be/zKNjgyd4NBc
भावार्थ –
https://youtu.be/RzLBod-bhig
जगदेव कुटुम्बकम् वसुधैव कुटुम्बकम् ।
येषामतिशर्मदा सर्वान् प्रति सर्वदा गर्वाद्यतिदूरगा भान्ती हृदये दया । तेषाममलात्मनां याता वसुधाम्बतां पितृतां गतमम्बरं जगदेव कुटुम्बकम् ॥ १ ॥
जात्यादिषु डम्बरं हित्वा विश्वम्भरम् पश्यन् समवीक्षणः सञ्चर सुविचक्षण । चिन्तय हृदि शङ्करं सन्ततमभयङ्करम् गतभेदविडम्बकं वसुधैव कुटुम्बकम् ॥ २ ॥
जहतामसमानतां जगतां वहतां मुदां हृदये सकलात्मताम् स्मरतां चरतां सताम् । सततं शुभकारिणां भयशोकनिवारिणां सकलेष्वनुकम्पया जगदेति कुटुम्बताम् ॥ ३ ॥
संस्कृत अन्वय :
जगदेव कुटुम्बकम् वसुधैव कुटुम्बकम् । jagadēva kuṭumbakam vasudhaiva kuṭumbakam
The World itself is one family ! The entire Earth is one family ! येषामतिशर्मदा सर्वान् प्रति सर्वदा गर्वाद्यतिदूरगा भान्ती हृदये दया । तेषाममलात्मनां याता वसुधाम्बतां पितृतां गतमम्बरं जगदेव कुटुम्बकम् ॥ 1 ॥ yēṣāmatiśarmadā sarvān prati sarvadā garvādyatidūragā bhāntī hṛdayē dayā । tēṣāmamalātmanāṃ yātā vasudhāmbatāṃ pitṛtāṃ gatamambaraṃ jagadēva kuṭumbakam ॥
जात्यादिषु डम्बरं हित्वा विश्वम्भरम् पश्यन् समवीक्षणः सञ्चर सुविचक्षण । चिन्तय हृदि शङ्करं सन्ततमभयङ्करम् गतभेदविडम्बकं वसुधैव कुटुम्बकम् ॥ 2 ॥ jātyādiṣu ḍambaraṃ hitvā viśvambharam paśyan samavīkṣaṇaḥ sañcara suvicakṣaṇa । cintaya hṛdi śaṅkaraṃ santatamabhayaṅkaram gatabhēdaviḍambakaṃ vasudhaiva kuṭumbakam
जहतामसमानतां जगतां वहतां मुदां हृदये सकलात्मताम् स्मरतां चरतां सताम् । सततं शुभकारिणां भयशोकनिवारिणां सकलेष्वनुकम्पया जगदेति कुटुम्बताम् ॥ 3 ॥ jahatāmasamānatāṃ jagatāṃ vahatāṃ mudāṃ hṛdayē sakalātmatām smaratāṃ caratāṃ satām । satataṃ śubhakāriṇāṃ bhayaśōkanivāriṇāṃ sakalēṣvanukampayā jagadēti kuṭumbatām ॥
https://youtu.be/xtoIWiE1tUM
कभी इस मकाँ से गुज़र गया कभी उस मकाँ से गुज़र गया
तिरे आस्ताँ की तलाश में हर आस्ताँ से गुज़र गया
कभी मेहर-ओ-माह-ओ-नुजूम से कभी कहकशाँ से गुज़र गया
जो तेरे ख़याल में चल पड़ा वो कहाँ कहाँ से गुज़र गया
अभी आदमी है फ़ज़ाओं में अभी उड़ रहा है ख़लाओं में
ये न जाने पहुँचेगा किस जगह अगर आसमाँ से गुज़र गया
ये मिरा कमाल-ए-गुनह सही मगर इस को देख मिरे ख़ुदा
मुझे तू ने रोका जहाँ जहाँ मैं वहाँ वहाँ से गुज़र गया
जिसे लोग कहते हैं ज़िंदगी वो तो हादसों का हुजूम है
वो तो कहिए मेरा ही काम था कि मैं दरमियाँ से गुज़र गया
मैं मुराद-ए-शौक़ को पा के भी न मुराद-ए-शौक़ को पा सकूँ
दर-ए-मेहरबाँ पे पहुँच के भी दर-ए-मेहरबाँ से गुज़र गया
चलो 'अर्श' महफ़िल-ए-दोस्त में कि पयाम-ए-दोस्त भी है यही
वो जो हादिसा था फ़िराक़ का सर-ए-दुश्मनाँ से गुज़र गया