https://youtu.be/zEOB6aYSDVU
आँधियाँ गम की चलेंगी तो संवर जाऊँगा...
आँधियाँ ग़म की चलेंगी तो संवर जाऊँगा
मैं तेरी ज़ुल्फ नहीं हूँ जो बिखर जाऊँगा
तुझसे बिछडा तो मत पूछो किधर जाऊँगा
मैं तो दरिया हूँ समुन्दर में उतर जाऊँगा
नाखुदा मुझसे न होगी ये ख़ुशामद तेरी
मैं वो ख़ुद्दार हूँ क़श्ती से उतर जाऊँगा
मुझको सूली पे चढ़ाने की ज़रुरत क्या है
मेरे हाथो से कलम छीन लो मर जाऊँगा
मुझको दुनिया से 'ज़फ़र' कौन मिटा सकता है
मैं तो शायर हूँ क़िताबो में बिखर जाऊंगा
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