शुक्रवार, 24 जनवरी 2020

शंकर श्री गिरि नाथ प्रभु के.../महाराजा स्वाति थिरुनाल (१८१३-१८४६) कृति / हरिणी जीविता

https://youtu.be/1TrDovwawRk
शंकर श्री गिरि नाथ प्रभु के...
महाराजा स्वाति थिरुनाल कृति 

भाषा : हिन्दी 
राग : हँस आनन्दी 
ताल : आदि 
नृत्य : हरिणी जीविता 

शंकर श्री गिरि नाथ प्रभु के 
नृत्य विराजित चित्रसभा में 

भस्म, त्रिनेत्र, गले रुण्डमाला 
भूतन के संग नाचत भृंगी 

झनन झनन धीन धीन त धीन, घूँघरू बाजे 
देव-मुनि सब गगन विराजे 

ध्रुकु तद्धिम तद्धिम तद्धि धुन बाजे
कोटि मदन जब देखे कि लाजे

ता-तई-त-कित-तक श्रुति गति राजे 
पद्मनाभ मन-कमल विराजे 

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