गुरुवार, 4 अगस्त 2022

आरती भानु दुलारी की, कि श्री बरसाने वाली की.../ श्री कृपालु जी रचित / गायिका : अनुप्रिया लमानिया

 https://youtu.be/L4yb3X3-Prg  

आरती भानु दुलारी  की, कि श्री बरसाने वाली की...
श्री कृपालु जी रचित
गायिका - अनुप्रिया लमानिया
कोरस , संगीत - शशि लमानिया

आरती भानु दुलारी की 

कि श्री बरसाने वाली की ।।
आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

विराजै सिंहासन श्यामा ।
दिव्य श्री वृन्दावन धामा ।।
ढुरावै चंवर सुघर बामा ।
पलोटै पग पूरण कामा ।।

लली पग अंक ।
चापी निःशंक ।
श्याम जनु रंक ।।

पाई निधि पारस प्यारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

गौर सिर कनक मुकुट राजै ।
चन्द्रिका चारु सुछवि छाजै ।।
कुटिल कुन्तल अली भल भ्राजै ।
लखत जेहि शिखि कलाप लाजै ।।

मांग सिंदूर ।
मोतियन पूर ।
सजीवन मूर ।।

ब्रह्मा गोवर्धनधारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

श्रवण बिच करणफूल झलकै ।
नासिका बिच बेसर हलकै ।।
गयन बिच प्रेम-सुधा छलकै ।
बंधु बल के लखि लखि ललकै ।।

चपलनथ चमक ।
दसन दुति दमक ।
सुमुखि मुख रमक 
।।

मधुर मुसुकनी सुकुमारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

मोतियन लरु उर मणिमाला ।
चिबुक झलकत इक तिल काला ।।
शम्भू शुक दे संग करताला ।
लली गुन गावती ब्रजबाला ।।

कबहुँ मुख मुरली ।
कबहुँ दृग दुरली ।
कबहुँ दृग जुरली ।।

कबहुँ सुधि भुरनी बिहारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

कीनारिन जरिन नील सारी ।
कंचुकी कुमकुम रंग वारि ।।
चुरी कर कंकन मनहारी ।
छीन कटि किंकिनि छवि न्यारी ।।

पायलनि पगनि ।
मिहावरी लगनि ।
बिछुवनी नगनि ।।

कृपालु सुकृति कुमारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।
आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

आरती भानु दुलारी की ।
कि श्री बरसाने वाली की ।।

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