https://youtu.be/gF3trN8inzg
आज सांवरो कुंज गलिन में
मोहन खेलत होरी
संग सखी लिये राधिका
बनी है अनुपम जोरी
बाजत ताल मृदंग छंदसो
बीच मुरली धुनि थोरी
अरस परस छिरकति छिरकावति
मोहन राधा गोरी
सुरंग गुलाल अबीर उडावति
भरि-भरि धरी कमोरी
केसरी रंग भर-भर पिचकारी
मारत है मुख रोरी
छल बलसों करे आंख अंजावत
लोकलाज सब छोरी
लूटत सुख की सीमा सब मिलि
परमानंद करत निहोरी
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