https://youtu.be/B1K1NFZatqc
अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम्।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।१।।
1. मधुरापतिके होठ मधुर हैं, उनका मुख मधुर है, नयन मधुर हैं,
उनका हृदय मधुर है, गमन मधुर है, अहो ! उनका सब कुछ मधुर है।
वचन मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरम्।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिले मधुरम् ।।2।।
2. उनकी वाणीमधुर है, चरिताबलि मधुर है, उनके वसन मधुर हैं, उनका बोलना मधुर
वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुर: पाणिर्मधुर: पादो मधुरो।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।3।।
3. उनकी वेणु मधुर है, उनकी चरण-रेणु मधुर है, उनके हाथ मधुर हैं, उनके चरणद्वय
गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुर सुप्तं मधुरम् |
रूप॑ मधुरं तिलकं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।4।।
4. उनका गान मधुर है, पान मधुर है, भोजन मधुर है, शयन मधुर है,
रूप मधुर है, तिलक मधुर है, अहो ! मधुराधिपतिका सबकुछ मधुर है।
करणं मधुरं तरणं मधुरं हरणं मधुरं रमणं मधुरम्
वमितं मधुरं शमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।5।।
5. उनकी करनी मधुर है, तरण (उद्धार करना) मधुर है, हरण मधुर है, उनका
गुंजा मधुरा, माला मधुरा यमुना मधुरा वीची मधुरा।
सलिलं मधुरं कमल मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।6।।
6. उनकी गुज्जा मधुर है, माला मधुर है, उनकी यमुना मधुर है, उनकी तरंगे भी
मधुर हैं जल और कमल भी मधुर हैं, अहो ! मधुराधिपतिका सबकुछ मधुर है।
गोपी मधुरा लीला मधुरा युक्तं मधुर भुक्तं मधुरम् |
हृषटं मधुरं श्लिष्टं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।7।।
7. उनकी गोपियाँ मधुर हैं, लीला मधुर है, उनसे युक्त (सम्बन्धित) अलंकारादि सभी वस्तुएँ मधुर है,
गोपा मधुरा गावो मधुरा यष्टि्मधुरा सृष्टिमधुरा |
दलितं मधुरं फलितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।8।।
8. आपके गोप मधुर हैं, गायें मधुर हैं, आपकी यष्टि मधुर है, सृष्टि मधुर है, आपका दलन
(असुरोंका) और फलन (फलदान) भी मधुर है, अहो ! मधुराधिपतिका सबकुछ मधुर है।
है, उनकी चाल मधुर है, उनका भ्रमण मधुर है, अहो! मधुराधिपतिका सब कुछ मधुर है।
मधुर हैं, उनका नृत्य मधुर है, उनका सख्य मधुर है, अहो ! मधुराधिपतिका सबकुछ मधुर है।
रमण और शमन (दण्ड) भी मधुर है, अहो! मधुराधिपतिका सबकुछ मधुर है।
उनका भोजन मधुर है, उनका आनन्द और आलिंगन मधुर है, अहो! मधुराधिपतिका सबकुछ मधुर है।
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