https://youtu.be/IW3pmWIo7EA
फगुआ के आइल बहार, गोरिया हो चुनरी रँगइहा / स्वर : चन्दन तिवारी
पारंपरिक फगुआ गीत, जिसे पीढ़ियों से पूर्वांचल,बिहार,झारखंड आदि के इलाके में ही नहीं
बल्कि इन इलाकों के लोग जहां गये, वहां गाते रहे हैं।
इस गीत का गायन कर रही हैं पुरबियातान गायिका सुश्री चंदन तिवारी,
सहगान कर रहे हैं शैलेंद्र शर्मा व्यास,जबकि संगीत संयोजन किया है
उपेंद्र पाठक ने।
पारंपरिक फगुआ गीत, जिसे पीढ़ियों से पूर्वांचल,बिहार,झारखंड आदि के इलाके में ही नहीं
बल्कि इन इलाकों के लोग जहां गये, वहां गाते रहे हैं।
इस गीत का गायन कर रही हैं पुरबियातान गायिका सुश्री चंदन तिवारी,
सहगान कर रहे हैं शैलेंद्र शर्मा व्यास,जबकि संगीत संयोजन किया है
उपेंद्र पाठक ने।
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