शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

देवदत्तामिमां वीणां.../ श्रीमद्भागवतपुराणम् / स्वर : डा. श्याम सुन्दर पाराशर

https://youtu.be/QJhqCQ2c0uU

"देवदत्तामिमां वीणां " - जब नारद जी ने व्यास जी को
बताया नारायण प्रभु के द्वारा प्रदान की गयी
वीणा का सुन्दर वर्णन।

श्रीमद्भागवतपुराणम् / स्कन्ध १ /अध्याय ६ / श्लोक ३३

 देवदत्तामिमां वीणां स्वरब्रह्मविभूषिताम् । 
मूर्च्छयित्वा हरिकथां गायमानश्चराम्यहम् ॥ ३३ ॥

भगवान की दी हुई इस स्वर ब्रम्ह से विभूषित 
वीणा पर तान छेड़कर मैं उनकी लीलाओं का 
गान करता हुआ सारे संसार में विचरता हूँ। 

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