शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

कमली दा ढोला / सराइकी लोकगीत / हदीक़ा किआनी

 https://youtu.be/rrnDrmAe5LY

Hadiqa Kiani (Born 11August, 1974, Rawalpindi, Pakistan), is a Pakistani 
singer-songwriter, guitarist, composer, actress and a philanthropist. She has 
received numerous local and international awards and also has performed at 
the Royal Albert Hall and The Kennedy Center.
In 2006, Kiani received the fourth highest Pakistan civilian award, the 
Tamgha-e-Imtiaz, for her contributions to the field of music. In 2010, 
she was appointed as a United Nations Development Programme 
Goodwill ambassador, making her the first woman in Pakistan to be a 
Goodwill ambassador to the United Nations.
In 2016, Kiani was titled as one of the "Pakistan's Most Powerful and 
Influential Women" by the country's leading news group, Jang Group 
of Newspapersas part of their "Power" edition.

"हदीक़ा किआनी के एल्बम वज़्द का पहला वीडियो 'कमली दा ढोला'
एक सराइकी लोकगीत है।"

प्रारंभिक कवित्त : बाबा बुल्ले शाह

शेष कम्पोजीशन एवं गीत : सराइकी लोकगीत

लावटा : स्टीव जॉर्ज बाँसुरी : उस्ताद बाक़िर अब्बास हारमोनियम १ : इरफ़ान किआनी हारमोनियम २ : इमरान अली ढोलक : आसिफ अली गोगा सहायक स्वर : इरफ़ान, शराफ़त एवं सख़ावत

असी नाज़ुक दिल दे लोग हां– बुल्ले शाह पंजाबी कविता 

"असी नाज़ुक दिल दे लोग हां, साडा दिल ना यार दुखाया करें 
  ना झूठे वादे कीता करें, ना झूठियां कसमां खाया करें 
  तेनू किन्नी वारी मैं आख्या ए, मेनू वल-वल ना आज़माया करें 
  तेरी याद दे विच मैं मर जा सां, मेनू ऐना याद ना आया करें "

सराइकी लोकगीत (आंशिक)

नीन्दर ते कैयां हाय कैयां 
झोंका लाइयाँ हाय

रात धम्मी लुट्टी जान्दी ए 
रात धम्मी लुट्टी जान्दी ।।

आख गियों वे मोरी 
मूड़ न आयो   
आख गियों वे मोरी 
मूड़ न आयो 

लिख-लिख चिठियाँ मैं पौंदी हाय 
लिख-लिख चिठियाँ मैं पौंदी

मैं कमली दा ढोला हाय 
रात 
धम्मी लुट्टी जान्दी ए 
रात धम्मी लुट्टी जान्दी ।।

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