https://youtu.be/Xe0Ss2Cz1eY
सुनो-सुनो साधो जी, राजा राम कहो जी
भाव भक्ति का बूता सारे योग-युक्ति नहिं पावे
भगत भूल गए राम दिवाने निज पद वाको देवे
क्या मादुमी उग्रसेन की, सूरत क्या कुब्जे की
धन भारी ते राम मिलत पत जाने सूदम जी की
कहत कबीर सुनो भाई साधो, राम मिलत है भक्ति
जन्तर-मन्तर लटपट होवे, राम भजन से है मुक्ति।।
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