बुधवार, 7 जुलाई 2021

अगर तुम मिल जाओ, ज़माना छोड़ देंगें हम.../ गीत : तस्लीम फ़ाज़ली / गायिका : तस्सवुर ख़ानम

https://youtu.be/c2yFSvcD93k  

अगर तुम मिल जाओ, ज़माना छोड़ देंगें हम...
फिल्म : ईमानदार (उर्दू, १९७४, पाकिस्तान)
गीत : तस्लीम फ़ाज़ली
संगीत : नाशाद
गायिका : तस्सवुर ख़ानम

तस्लीम फ़ाज़ली  
पाकिस्तानी शायर। असली नाम इज़हार अनवर। दिल्ली में वर्ष १९४७ में पैदा हुए। 
बाद में पाकिस्तान चले गए। 
मशहूर हिंदुस्तानी शायर निदा फ़ाज़ली के भाई। उर्दू फिल्मों के प्रख्यात गीतकार हुए। 
फिल्म आशिक़ से वर्ष १९६८ में शुरुआत। 
कुछ प्रसिद्द नग़्मे -
खुदा करे कि, मोहब्बत में वो मक़ाम आये। (अफ्शां - १९७१) 
रफ़्ता-रफ़्ता वो मेरी हस्ती का सामां  हो गए। (ज़ीनत - १९७५)
अगस्त १७, १९८२ को मृत्यु हुई। 
तस्सवुर ख़ानम
जन्म १९५०, गुजरात, पाकिस्तान। मशहूर पाकिस्तानी ग़ज़ल गायिका एवं फिल्मों की पार्श्व गायिका।
१९७० एवं १९८० के दशक में तमाम उर्दू एवं पंजाबी पाकिस्तानी फिल्मों में हिट गाने गाए। पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा वर्ष २००६ में 'प्राइड ऑफ परफॉरमेंस अवार्ड' से सम्मानित।

अगर तुम मिल जाओ,
ज़माना छोड़ देंगे हम...

अगर तुम मिल जाओ,
ज़माना छोड़ देंगे हम...
अगर तुम मिल जाओ...

तुम्हे पाकर ज़माने भर से,
रिश्ता तोड़ देंगे हम
अगर तुम मिल जाओ...
ज़माना छोड़ देंगे हम...
अगर तुम मिल जाओ...

तुम्हें दिल में रखेंगे, अपनी पलकों में छुपा लेंगे
तुम्हें ख़ुश्बू समझके अपनी साँसों में बसा लेंगे
क़यामत तक, जो ना टूटे, वो रिश्ता जोड़ देंगे हम
अगर तुम मिल जाओ...
ज़माना छोड़ देंगे हम...
अगर तुम मिल जाओ...

बदन के साये जानेमन, तुम्हारे रंग में रंग डालें
जुदा क्या कर सकेंगे तुमको मुझसे, ये जहाँ वाले
मोहब्बत की क़सम, तक़दीर का रुख़ मोड़ देंगे हम
अगर तुम मिल जाओ...
ज़माना छोड़ देंगे हम...
अगर तुम मिल जाओ...

ना तुम हो जिसमें शामिल, वो बहारें हम नहीं लेंगे
तुम्हारे नाम पे ये दिल तो क्या है जान दे देंगे
नज़र जिसमें न तुम आये, वो शीशा तोड़ देंगे हम
अगर तुम मिल जाओ...
ज़माना छोड़ देंगे हम...
अगर तुम मिल जाओ...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें