https://youtu.be/Vuy4ShsxDNk
गीतकार : शम्स लखनवी एवं बेहज़ाद लखनवीसंगीतकार: वसंत देसाई
फिल्म: शीशमहल 1950
इस गीत को पद्मश्री पुष्पा हंस ने गाया है
और फिल्म में अभिनय भी किया है।
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो-2
कोई मुश्किल नहीं ऐसी के जो आसान ना हो-2
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो
ये हमेशा से है तक़दीर की गर्दिश का चालन-2
चाँद सूरज को भी लग जाता है एक बार ग्रहण
वक़्त की देख के तब्दीलियां हैरान ना हो- 2
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो
ये है दुनियां यहाँ दिन ढलता है शाम आती है- 2
सुबह हर रोज नया ले के पयाम आती है
जानी बूझी हुई बातों से तू अन्ज़ान ना हो
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो
कोई मुश्किल नहीं ऐसी के जो आसान ना हो
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो-2
कोई मुश्किल नहीं ऐसी के जो आसान ना हो-2
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो
ये हमेशा से है तक़दीर की गर्दिश का चालन-2
चाँद सूरज को भी लग जाता है एक बार ग्रहण
वक़्त की देख के तब्दीलियां हैरान ना हो- 2
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो
ये है दुनियां यहाँ दिन ढलता है शाम आती है- 2
सुबह हर रोज नया ले के पयाम आती है
जानी बूझी हुई बातों से तू अन्ज़ान ना हो
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो
कोई मुश्किल नहीं ऐसी के जो आसान ना हो
आदमी वो है मुसीबत से परेशान ना हो
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