सोमवार, 3 मार्च 2025

तुम को हम दिल में बसा लेंगे तुम आओ तो सही.../ शायरा : बेग़म मुमताज़ मिर्ज़ा / गायन : चित्रा सिंह

https://youtu.be/-lJZL5r2L2g   


तुम को हम दिल में बसा लेंगे तुम आओ तो सही,
सारी दुनिया से छुपा लेंगे तुम आओ तो सही


एक वादा करो अब हम से न बिछडोगे कभी,
नाज़ हम सारे उठा लेंगे तुम आओ तो सही


बेवफ़ा भी हो, सितमगर भी, जफ़ा पेशा भी,
हम ख़ुदा तुम को बना लेंगे तुम आओ तो सही


(सितमगर = ज़ालिम, अत्याचारी), (जफ़ा पेशा = ज़ुल्म/ अत्याचार का काम)


राह तारीक़ है और दूर है मंज़िल लेकिन,
दर्द की शम्में जला लेंगे तुम आओ तो सही


(तारीक़ = अन्धकार पूर्ण, अँधेरी, स्याह)

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