शुक्रवार, 19 नवंबर 2021

सर्व॔ ब्रह्ममयं.../ सन्त सदाशिव ब्रह्मेेेेेन्द्र / गायन : कुलदीप एम. पई.

 https://youtu.be/Zw888G7e5Jg  


Music - Produced, Directed, Rendered, Recorded, Mixed,
Mastered, Video Edited & Transliterated by Kuldeep M Pai

सदाशिव ब्रह्मेन्द्र एक सन्त, कर्नाटक संगीतकार, तथा अद्वैत दार्शनिक थे। उनका जीवन १८वीं शताब्दी में तमिलनाडु के कुम्भकोणम के निकट व्यतीत हुआ। उन्होने मुख्यतः संस्कृत में संगीतरचना की।
सदाशिव ब्रह्मेन्द्र सरस्वती एक अवधूत थे, जिन्होंने संन्यास लेने के बाद अपना अधिकतर 
जीवन अवधूत अवस्था , पूर्णनग्न अवस्था में बिताया। वे हमेशा अपने भीतर ध्यानमग्न रहते 
थे, और उनके आस-पास और यहाँ तक की उनके शरीर के साथ होने वाली चीज़ों का भी उन्हें 
होश नहीं रहता था।
श्री सदाशिव ब्रह्मेन्द्र , श्रीवत्स गोत्र के दम्पति मोक्ष सोमसुंदर अवधनी और पार्वती के घर 
मदुरई में जन्में । उनके माता पिता भगवन रामन्थस्वामी (रामेश्वरम ) के भक्त थे तथा 
पुत्र प्राप्ति के लिए उनकी प्रार्थना करते थे। इसीलिए पुत्र के जन्मा पर उन्होंने अपने पुत्र 
का नाम शिवरामकृष्णा रखा ।

सर्व॔ ब्रह्ममयं...
कृति : सन्त सदाशिव ब्रह्मेेेेेन्द्र
स्वर एवं संगीत : कुलदीप एम. पई.
रागम् : मधुवन्ती
भाषा : संस्कृत

सर्वं ब्रह्ममयम् 
सर्वं ब्रह्ममयम् 
सर्वं ब्रह्ममयम् 
सर्वं ब्रह्ममयम् रे रे 
सर्वं ब्रह्ममयम् 

किं वचनीयं किम् वचनीयम् 
किं रचनीयं किम् रचनीयम्
सर्वं ब्रह्ममयम् 

किं पठनीयं किम् पठनीयम् 
किं भजनीयं किम् भजनीयम् 
सर्वं ब्रह्ममयम् 
सर्वं ब्रह्ममयम् रे रे 
सर्वं ब्रह्ममयम् 

किं बोद्धव्यं किम् बोद्धव्यम् 
किं भोक्तव्यं किम् भोक्तव्यम् 
सर्वं ब्रह्ममयम् 

सर्वत्र सदा हंस ध्यानम् 
कर्तव्यं भो मुक्ति निदानम् 
सर्वं ब्रह्ममयम् रे रे 
सर्वं ब्रह्ममयम् 
सर्वं ब्रह्ममयम् रे रे 
सर्वं ब्रह्ममयम् 

English Translation By P.R.Ram Chander

Pallavi  

Hey , hey everything is filled with God, Everything is filled with God

 Charanam

 1.All that is spoken, all that is not spoken, All that is written, all that is not written

 2.All that can be learnt, all that cannot be learnt, All that can be sung and all that cannot be sung 

3.All that can be taught, all that cannot be taught, All that can be enjoyed and all that cannot be enjoyed 

4. In all places the meditation of the Hamsa scale, Is that only thing that leads you to salvation.

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