मंगलवार, 9 नवंबर 2021

केरवा जे फरेला घवद से ओह पर सुगा मेडराय.../ छठ पूजा गीत / स्वर : कल्पना पटवारी

 https://youtu.be/JMg_ilNDu5o 


ॐ सूर्याय नमः 
ॐ गंगाय नमः
ॐ.... 

ऊ जे केरवा जे फरेला घवद से,
ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से,
सुगा गिरे मुरझाए ।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से,
आदित होई ना सहाय ॥

कि, कलपेहली भिजल तेवइया हो  
उगी हे दीना नाथ 
कटलहु से कटे ना समइया हो 
उगी हे दीना नाथ 

तीन दिन भुखिया के, असरा लगा के 
काल्हू से निहारी राह घटिया प आ के 
बड़ी देर भइल गोसइयां हो 
उगी हे दीना नाथ 

ललकी ललिया से होई ना इसारा 
केहू नाही जागी, सूतल रही जग सारा 
जोहे राह फुलवा पसइया हो 
उगी हे दीना नाथ 

कलपेहली भिजल तेवइया हो  
उगी हे दीना नाथ 

उगी हे दीना नाथ 
उगी हे दीना नाथ 


केरवा = केला 
फरेला = फलता है
घवद =गुच्छा 
सुगा / सुगवा = तोता आदित = आदित्य/सूर्य/सूरज
मेड़राए = मंडराए
मारबो = मारुंगा/मारुंगी
कलपेहली = रोती / कलपती है 
भिजल = भीगी हुई 
तेवइया = निर्धन / बेचारी 


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