बुधवार, 12 अगस्त 2020

वंशीविभूषितकरान्नवनीरदाभात् .../ भावानुवाद


वंशीविभूषितकरान्नवनीरदाभात् .....
भावानुवाद :
नवनीरद   आभायुत 
वंशीविभूषित    कर।
पीताम्बरधर;  अरुण 
विम्बफल सम अधर।

पूर्णेन्दुसुन्दर    मुख,
अरविन्द सदृश  नेत्र;
कृष्ण से इतर,  जानूँ 
मैं न परमतत्व अपर।। 
       
                              -अरुण मिश्र
मूल : 
वन्शीविभूषित्करान्नवनीरदाभात
         पीताम्बराद  अरुणविम्बफलाधरोष्ठात 
पूर्णेन्दुसुन्दर्मुखारर्विन्दनेत्रात
         कृष्णात्परं किमपि तत्वमहम् न जाने ।।

(पूर्वप्रकाशित)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें