https://youtu.be/klDZYIzZzUE
Raaz Allahabadi : Jaabir Ali Khan was born in 1929 in Allahabad.
He was the disciple of Syed Shamshad Husain Hamraaz.
He wrote under the pen name, Raaz. He had been a very
successful poet in mushairas. Ashk-E-Nadamat, Dhadkanein,
Rang-O-Noor, and Manzilein are the collections of his works.
He died on 28 December 1996 in Allahabad .
-राज़ इलाहाबादी
आशियां जलगया, गुल्सिताँलुटगया,
हमक़फ़ससेनिकलकरकिधरजाएँगे इतनेमानूससय्यादसेहोगए,अबरिहाईमिलेगीतोमरजाएँगे
औरकुछदिनये दस्तूर-ए-मय-ख़ाना है,तिश्ना-कामीकेयेदिनगुज़रजाएँगे
मेरेसाक़ीकोनज़रेंउठानेतोदो,जितनेख़ालीहैंसब जाम भर जाएँगे
ऐ नसीम-ए-सहरतुझको उन की क़सम, उनसेजा कर न कहनामिराहाल-ए-ग़म
अपनेमिटनेकाग़मतोनहींहैमगर, डर येहैउनकेगेसूबिखरजाएँगे
अश्क-ए-ग़मलेकेआख़िरकिधरजाएँहम,आँसुओं कीयहाँकोईक़ीमतनहीं
आपहीअपनादामनबढ़ादीजिए,वर्नामोतीज़मींपरबिखरजाएँगे
कालेकालेवोगेसूशिकन-दर-शिकन,वोतबस्सुम काआलमचमन-दर-चमन
खींचलीउनकीतस्वीर दिलनेमिरे,अबवोदामनबचाकरकिधरजाएँगे
मौत आवाज़ देती है शायद उन्हें, जाने वाले हैं दुनिया से अहले-वफ़ा 'राज़' ऐसे में कोई ग़ज़ल छेड़ दो, काफ़िले ज़िन्दगी के ठहर जाएँगे
हमक़फ़ससेनिकलकरकिधरजाएँगे
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