सोमवार, 25 जनवरी 2021

हिमाद्रि तुंग श्रृंग से...(प्रयाण गीत) / जय शंकर 'प्रसाद'

 https://youtu.be/_glbEubVymw


हिमाद्रि तुंग श्रृंग से,
प्रबुद्ध शुद्ध भारती।
स्वयं प्रभा समुज्ज्वला,
स्वतंत्रता पुकारती।

अमर्त्य वीरपुत्र हो, 
दृढ प्रतिज्ञ सोच लो, 
प्रशस्त पुण्य पंथ है,
बढे चलो,बढे चलो।।

असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ,
विकीर्ण दिव्य दाह-सी।
सपूत मातृभूमि के,
रुको न शूर साहसी।

अराति सैन्य सिंधु में,
सुवाड़वाग्नि-से जलो।
प्रवीर हो जयी बनो,
बढे चलो, बढे चलो।।

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