https://youtu.be/cdBmj26-rw8
पी ले अमी रस धारा,
गगन में झड़ी लगी।
झड़ी लगी, यहाँ झड़ी लगी
पी ले अमी रस धारा,
गगन में झड़ी लगी।
गगन में झड़ी लगी।
झड़ी लगी, यहाँ झड़ी लगी
पी ले अमी रस धारा,
गगन में झड़ी लगी।
पी ले अमी रस धारा,
गगन में झड़ी लगी।।
गगन में झड़ी लगी।।
बूंद का प्यासा घड़ा भर पाया।
सपने में वो स्वाद न आया।
बूँद का प्यासा घड़ा भर पाया।
सपने में वो स्वाद न आया।
कहो किसे कैसे समझावें,
एक बूँद की तरण लगी।
पी ले अमी रस धारा,
गगन में झड़ी लगी।
गगन में झड़ी लगी।
पी ले अमी रस धारा,
गगन में झड़ी लगी।।
गगन में झड़ी लगी।।
प्यास बिना क्या पीवे रे! पानी ?
प्यास अकेली ये है वो पानी।
प्यास बिना क्या पीवे रे! पानी ?
प्यास अकेली ये है वो पानी।
बिन अधिकार कोई नहीं जानी
अमृत रस की झड़ी लगी।
पी ले अमी रस धारा,
गगन में झड़ी लगी।।
गगन में झड़ी लगी।।
यहाँ झड़ी लगी,
यहाँ झड़ी लगी।
यहाँ झड़ी लगी,
यहाँ झड़ी लगी।
पी ले अमी रस धारा,
गगन में झड़ी लगी।।
गगन में झड़ी लगी।।
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