https://youtu.be/YV-5WqlAf7w
होरी खेलूँगी श्याम संग जाय... होली रसियारचना : पारम्परिक
गायन : परम पूज्य वृन्दा बहूजी
होरी खेलूँगी श्याम संग जाय,
सखी री बडे भाग से फागुन आयो री ॥1॥
वो भिजवे मेरी सुरंग चुनरिया,
मैं भिजवूं वाकी पाग ।
सखी री बड़े भाग से फागुन आयो री ॥2॥
चोवा चंदन और अरगजा,
रंग की पड़त फुहार ।
सखी री बड़े भाग से फागुन आयो री ॥3॥
लाज निगोड़ी रहो चाहे जावो
मेरो हियरा भर्यो अनुराग ।
सखी री बड़े भाग से फागुन आयो री ॥4॥
आनंद घन खेलों सुघर बलम सों,
मेरो रहियो भाग सुहाग ।
सखी री बड़े भाग से फागुन आयो री ॥5॥
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