https://youtu.be/wGwQBN1o7g8
मोरा रे अँगनमा चनन केरि गछिया,
ताहि चढ़ि कुररय काग रे।
सोने चोंच मढ़ाय देब बायस,
सोने चोंच मढ़ाय देब बायस,
जओ पिया आओत आज रे।
गावह सखि सब झूमर लोरी,
मयन अराधए जाउं रे।
चउदिसि चम्पा मउली फूललि,
चउदिसि चम्पा मउली फूललि,
चान इजोरिया राति रे।
कइसे कए हम मयन अराधब,
होइति बड़ि रति साति रे।
बाँक समय कागा केयो न अपन हित,
बाँक समय कागा केयो न अपन हित,
देखल आँखि पसारि रे।
विद्यापति कवि इहो पद गावथि,
पहु छथि गुणक निधान रे।
राय भोगीसर सब गुण आगर,
पद्मा देइ रमान रे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें