रविवार, 20 मार्च 2022

परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता.../ शायर : डॉ. बशीर बद्र / गायन : परान राज भाटिया

https://youtu.be/mU5_beUiCXA   

परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता 
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता

बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना
जहां दरिया समन्दर से मिला, दरिया नहीं रहता

तुम्हारा शहर तो बिल्कुल नये अंदाज़ वाला है
हमारे शहर में भी अब कोई हमसा नहीं रहता

मोहब्बत एक ख़ुशबू है, हमेशा साथ चलती है
कोई इन्सान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता 

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