https://youtu.be/L3e10EUoJCc
ज़िन्दगी रोज़ तेरा दर्द जिया है मैंने
ज़ह्र तो कुछ भी नहीं है जो पिया है मैंने
ज़ह्र तो कुछ भी नहीं है जो पिया है मैंने
तुम अगर भूल गए हो तो कोई बात नहीं
वर्ना दामन तो तुम्हारा भी सिया है मैंने
कोई खुद आ के रुका है तो रुका है वर्ना
जाने वालों को कहाँ हाथ दिया है मैंने
मुझसे इस बार कोई चूक नहीं होने की
कितना भारी है उसे तोल लिया है मैंने
कद्दे-आदम तेरी तस्वीर लगी है घर में
घर को तरक़ीब से आबाद किया है मैंने
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