https://youtu.be/Vv1zb2AstzE
"आनन्दामृताकर्षिणि"
श्री मुत्तुस्वामि दीक्षित (१७७५-१८३५) विरचिता
भाषा : संस्कृत
रागम् ; अमृतवर्षणि
तालम् : आदि
संगीत एवं स्वर : श्रीवाल्सन जे. मेनन
पल्लवि :
आनन्दामृताकर्षिणि अमृतवर्षणि
हरादिपूजिते शिवे भवानि
समष्टिचरणम् :
श्री नन्दनादि संरक्षिणि श्री गुरुगुह जननि चिद्रूपिणि
मध्यमकाल साहित्यम् :
सानन्द हृदय निलये सदये सद्य सुवृष्टि हेतवे त्वाम्
सन्ततं चिन्तये अमृतेश्वरि सलिलं वर्षय वर्षय वर्षय
*
AnandAmrutAkarshiNi amruta varshiNi
harAdi poojitE SivE bhavAni
sree nandanAdi samrakshiNi sri guruguha janani chidroopiNi
sAnanda hrudayE nilayE sadayE sadya suvrushti hetavE tvAm
santatam chintayE amruteshvari salilam varshaya varshaya varshaya
"आनन्दामृताकर्षिणि"
श्री मुत्तुस्वामि दीक्षित (१७७५-१८३५) विरचिता
भाषा : संस्कृत
रागम् ; अमृतवर्षणि
तालम् : आदि
संगीत एवं स्वर : श्रीवाल्सन जे. मेनन
पल्लवि :
आनन्दामृताकर्षिणि अमृतवर्षणि
हरादिपूजिते शिवे भवानि
समष्टिचरणम् :
श्री नन्दनादि संरक्षिणि श्री गुरुगुह जननि चिद्रूपिणि
मध्यमकाल साहित्यम् :
सानन्द हृदय निलये सदये सद्य सुवृष्टि हेतवे त्वाम्
सन्ततं चिन्तये अमृतेश्वरि सलिलं वर्षय वर्षय वर्षय
*
Transliteration
Pallavi
AnandAmrutAkarshiNi amruta varshiNi
harAdi poojitE SivE bhavAni
Anupallavi
sree nandanAdi samrakshiNi sri guruguha janani chidroopiNi
Charanam
sAnanda hrudayE nilayE sadayE sadya suvrushti hetavE tvAm
santatam chintayE amruteshvari salilam varshaya varshaya varshaya
Translation
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