https://youtu.be/90xd79TJ55s
बरखा रितु आयी
राग : मेघ
स्वर : संजीव अभ्यंकर
"बरखा रितु आयी, रितु आयी;
देखो आयी सलोनी पिया।
कारी-पीरी घटा चहुँ ओर छाई
चमक बिजुरिया हमहि डरायी
नैनन नींद चुराई।।"
राग 'मेघ' भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्राचीनतम रागों में से एक है।
यह काफी थाट का राग है और इसका सम्बन्ध वर्षा ऋतु से है।
बरखा रितु आयी
राग : मेघ
स्वर : संजीव अभ्यंकर
"बरखा रितु आयी, रितु आयी;
देखो आयी सलोनी पिया।
कारी-पीरी घटा चहुँ ओर छाई
चमक बिजुरिया हमहि डरायी
नैनन नींद चुराई।।"
राग 'मेघ' भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्राचीनतम रागों में से एक है।
यह काफी थाट का राग है और इसका सम्बन्ध वर्षा ऋतु से है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें