https://youtu.be/7mwByNUH-6A
यह कविता श्री मुरारीलाल शर्मा ‘बालबंधु’ की है।
इनका जन्म सन 1893, ग्राम – साइमल की टिकड़ी,
जिला-मेरठ,उत्तर-प्रदेश में हुआ और निधन 4 नवम्बर,
1961 को हुआ।
लेखक मुरारीलाल शर्मा की प्रमुख कृतियाँ हैं : साहसी बच्चे,
होनहार बिरवे, गोदी भरे लाल, ज्ञान गंगा, कोकिला।
(श्रोत : Website ShabdBeej)
वह शक्ति हमें दो दयानिधे, कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें!
पर-सेवा पर-उपकार में हम, जग-जीवन सफल बना जावें!
यह कविता श्री मुरारीलाल शर्मा ‘बालबंधु’ की है।
इनका जन्म सन 1893, ग्राम – साइमल की टिकड़ी,
जिला-मेरठ,उत्तर-प्रदेश में हुआ और निधन 4 नवम्बर,
1961 को हुआ।
लेखक मुरारीलाल शर्मा की प्रमुख कृतियाँ हैं : साहसी बच्चे,
होनहार बिरवे, गोदी भरे लाल, ज्ञान गंगा, कोकिला।
(श्रोत : Website ShabdBeej)
वह शक्ति हमें दो दयानिधे, कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें!
पर-सेवा पर-उपकार में हम, जग-जीवन सफल बना जावें!
हम दीन-दुखी निबलों-विकलों के सेवक बन संताप हरें!
जो हैं अटके, भूले-भटके, उनको तारें खुद तर जावें!
जो हैं अटके, भूले-भटके, उनको तारें खुद तर जावें!
छल, दंभ-द्वेष, पाखंड-झूठ, अन्याय से निशिदिन दूर रहें!
जीवन हो शुद्ध सरल अपना, शुचि प्रेम-सुधा रस बरसावें!
जीवन हो शुद्ध सरल अपना, शुचि प्रेम-सुधा रस बरसावें!
निज आन-मान, मर्यादा का प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे!
जिस देश-जाति में जन्म लिया, बलिदान उसी पर हो जावें!
जिस देश-जाति में जन्म लिया, बलिदान उसी पर हो जावें!
साइमल की तिकड़ी को शाहमल की टीकरी अथवा केवल टीकरी ही पढ़ा जाए। अब एक कस्बा है जो जनपद बागपत के थाना दोघट के क्षेत्र अंतर्गत आता है और जनपद मुजफ्फरनगर की सीमा को छूता है।
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