rashmi rekh
मंगलवार, 12 अक्टूबर 2021
अष्टम दुर्गा महागौरी
"धारे शुचि श्वेत वस्त्र, श्वेत वृषभ पर सवार।
शिव को देती प्रमोद, महागौरी शुभदायी ।।"
(अनुवाद : अरुण मिश्र)
मूल श्लोक :
"श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा।।"
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