rashmi rekh
रविवार, 10 अक्टूबर 2021
नवरात्रि की मंगलकामनाएं / पञ्चमं स्कन्दमाता
"कर-युगल में कमल शोभित
नित्य सिंहासनगता।
स्कन्दमाता हे यशस्वनि-
देवि! शुभ फल दो सदा।।"
(अनुवाद : अरुण मिश्र)
मूल श्लोक :
"सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।"
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