सोमवार, 26 दिसंबर 2022

भरे जहाँ में कोई मेरा यार था ही नहीं.../ गीतकार : क़तील शिफ़ाई / गायक : मेहदी हसन

 https://youtu.be/6-fmE04JSro

भरे जहाँ में कोई मेरा यार था ही नहीं
किसी नज़र को मेरा इंतज़ार था ही नहीं

ना ढूंढ़िए मेरी आँखों में रतजगों की थकन 
ये दिल किसी के लिए बेक़रार था ही नहीं

सुना रहा हूं मुहब्बत की दास्तां उसको 
मेरी वफ़ा पे जिसे ऐतबार था ही नहीं

क़तील कैसे हवाओं से मांगते ख़ुशबू
हमारी शाम में ज़िक्रे-बहार था ही नहीं

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